ओम जय जगदीश हरे आरती !

om jai jagdish hare aarti lyrics

ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे !
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे !!
!! ॐ जय जगदीश हरे..!!

जो ध्यावे फल पावे,
दुःख बिनसे मन का,
स्वामी दुःख बिनसे मन का !
सुख सम्पति घर आवे,
सुख सम्पति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का !!
!! ॐ जय जगदीश हरे..!!

मात पिता तुम मेरे,
शरण गहूं किसकी,
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी !
तुम बिन और न दूजा,
तुम बिन और न दूजा,
आस करूं मैं जिसकी !!
!! ॐ जय जगदीश हरे..!!

तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी,
स्वामी तुम अन्तर्यामी !
पारब्रह्म परमेश्वर,
पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सब के स्वामी !!
!! ॐ जय जगदीश हरे..!!

तुम करुणा के सागर,
तुम पालनकर्ता,
स्वामी तुम पालनकर्ता !
मैं मूरख फलकामी,
मैं सेवक तुम स्वामी,
कृपा करो भर्ता!!
!! ॐ जय जगदीश हरे..!!

तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राणपति,
स्वामी सबके प्राणपति !
किस विधि मिलूं दयामय,
किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति !!
!! ॐ जय जगदीश हरे..!!

दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,
ठाकुर तुम मेरे,
स्वामी रक्षक तुम मेरे !
अपने हाथ उठाओ,
अपने शरण लगाओ,
द्वार पड़ा तेरे !!
!! ॐ जय जगदीश हरे..!!

विषय-विकार मिटाओ,
पाप हरो देवा,
स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा !
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
सन्तन की सेवा !!

ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे !
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे !!

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