Jambheshwar Aarti Lyrics

आरती कीजै गुरू जंभ जती की
भगत उधारण प्राण पति की।
पहली आरती लोहट घर आये,
बिना बादल प्रभू इंडिया झूरायै ।।
दूसरी आरती पीपासर आये,
दूदाजी ने प्रभू परचौ दिखायै ।।
तीसरी आरती समराथल आये,
पुलाजी ने प्रभु सुरग दिखायै ।।
चौथी आरती अनवी निवायै,
भूत लोक प्रभुपाद कहवायै ।।
पांचवी आरती ऊधोजक गावै,
वास बैंकुठं अमर पद पावै ।
- लेके पूजा की थाली !
- देना हो तो दीजिए, जनम जनम का साथ !
- बिगड़ी मेरी बना दे ऐ शेरोंवाली मैया !
- हरि सुंदर नंद मुकुंदा !
- तेरे दरबार मे मैया खुशी मिलती है !
- फूलों में सज रहे हैं श्री वृंदावन बिहारी !
- शेरावाली कब आओगी मेरे अंगना !
- मेरा आपकी कृपा से सब काम !
- लगन तुमसे लगाये बेठे हैं !
- अरे रे मेरी जान है राधा !



