श्री कृष्ण भजन लिरिक्स हिंदी में (shri krishna bhajan lyrics)

श्री कृष्ण भजन लिरिक्स हिंदी में

सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आये हैं !

सजा दो घर को गुलशन सा ।
मेरे सरकार आये हैं ।

मेरे सरकार आये हैं ।
मेरे सरकार आये हैं ।

लगे कुटिया भी दुल्हन सी ।
मेरे सरकार आये हैं ।।

सजा दो घर को गुलशन सा ।
मेरे सरकार आये हैं ।।

पखारो इनके चरणों को ।
बहाकर प्रेम की गंगा ।।

बिछा दो अपनी पलकों को ।
मेरे सरकार आये हैं ।।

सजा दो घर को गुलशन सा ।
मेरे सरकार आये हैं ।।

उमड़ आई मेरी आँखे ।
देखकर अपने बाबा को ।।

हुई रोशन मेरी गलिया ।
मेरे सरकार आये हैं ।।

सजा दो घर को गुलशन सा ।
मेरे सरकार आये हैं ।।

तुम आकर फिर नही जाना ।
मेरी इस सुनी दुनिया से ।।

कहूँ हर दम यही सबसे ।
मेरे सरकार आये हैं ।।

सजा दो घर को गुलशन सा ।
मेरे सरकार आये हैं ।।

मीठे रस से भरीयो री राधा रानी लागे !

राधा तू बड़भागिनी,
और कौन तपस्या किन,
तीन लोक के स्वामी है,
राधा सब तेरे आधीन !

मीठे रस से भरीयो री,
राधा रानी लागे,
महारानी लागे,
मने कारो कारो,
जमुना जी रो पानी लागे !!

यमुना मैया कारी कारी,
राधा गोरी गोरी,
वृन्दावन में धूम मचावे,
बरसाने की छोरी,
ब्रजधाम राधा जु की,
रजधानी लागे,
महारानी लागे,
मने कारो कारो,
जमुना जी रो पानी लागे !!

ना भावे अब माखन मिसरी,
और ना कोई मिठाई,
जीबड़या ने भावे अब तो,
राधा नाम मलाई,
वृषभानु की लली तो,
गुड़धानी लागे,
गुड़धानी लागे,
मने कारो कारो,
जमुना जी रो पानी लागे

कान्हा नित मुरली मे टेरे,
सुमरे बारम्बार,
कोटिन रूप धरे मनमोहन,
कोई ना पावे पार,
राधा रूप की अनोखी,
पटरानी लागे,
महारानी लागे,
मने कारो कारो,
जमुना जी रो पानी लागे !!

राधा राधा नाम रटत है,
जो नर आठों याम,
उनकी बाधा दूर करत है,
राधा राधा नाम,
राधा नाम मे सफल,
जिंदगानी लागे,
जिंदगानी लागे,
मने कारो कारो,
जमुना जी रो पानी लागे !!

मीठे रस से भरयो री,
राधा रानी लागे,
महारानी लागे,
मने कारो कारो,
जमुना जी रो पानी लागे !!

कितना प्यारा है सिंगार की तेरी लेउ नज़र उतार !

कितना प्यारा है सिंगार,
की तेरी लेउ नज़र उतार,
कितना प्यारा है,
ओ हो, कितना प्यारा है सिंगार,
की तेरी लेउ नजर उतार,
कितना प्यारा है ॥

सांवरिया तुमको किसने सजाया है,
तुझे सुन्दर से सुन्दर कजरा पहनाया है,
कितना प्यारा हैं सिंगार,
की तेरी लेउ नजर उतार,
कितना प्यारा है ॥

केशर चन्दन तिलक लगाकर,
सज धज कर के बैठ्यो है,
लग गए तेरे चार चाँद जो,
पहले तो निहार
कितना प्यारा है,
ओ हो, कितना प्यारा हैं सिंगार,
की तेरी लेउ नजर उतार,
कितना प्यारा है ॥

सांवरिया तेरा चेहरा चमकता है
तेरा कीर्तन बहुत बड़ा,
दरबार महकता है,
कितना प्यारा है,
ओ हो, कितना प्यारा हैं सिंगार,
की तेरी लेउ नजर उतार,
कितना प्यारा है ॥

किसी भगत से कह कर कान्हा,
काली टिकी लगवाले
या फिर तू बोले तो लेउ,
नूनराइ वार,
कितना प्यारा है,
ओ हो, कितना प्यारा हैं सिंगार,
की तेरी लेउ नजर उतार,
कितना प्यारा हैं ॥

सांवरिया तेरे भगतो को तेरी फ़िक्र
कही लग ना जाये तुझे,
दुनिया की बुरी नज़र,
कितना प्यारा है,
ओ हो, कितना प्यारा हैं सिंगार,
की तेरी लेउ नजर उतार,
कितना प्यारा है ॥

पता नहीं तू किस रंग का है,
आज तलक ना जान सकी,
बनवारी हमने देखे है तेरे रंग हजार,
कितना प्यारा हैं,
ओ हो, कितना प्यारा है सिंगार,
की तेरी लेउ नजर उतार,
कितना प्यारा है ॥

सांवरिया थोड़ा बच बच के रहना जी
कभी मान भी लो कान्हा,
भक्तो का कहना जी,
कितना प्यारा है,
ओ हो, कितना प्यारा हैं सिंगार,
की तेरी लेउ नजर उतार,
कितना प्यारा है ॥

सांवरिया तेरा रोज करू श्रृंगार
कभी कुटिया में मेरे,
आजाओ एक बार,
कितना प्यारा है,
ओ हो, कितना प्यारा है सिंगार,
की तेरी लेउ नजर उतार,
कितना प्यारा है ॥

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे !

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
तू लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे !

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
तू लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे !

मस्तक पर मलियागिरी चन्दन,
केसर तिलक लगाया !

मोर मुकुट कानो में कुण्डल,
इत्र खूब बरसाया !

महकता रहे यह दरबार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे !!

बागो से कलियाँ चुन चुन कर,
सुन्दर हार बनाया !

रहे सलामत हाथ सदा वो,
जिसने तुझे सजाया !

सजाता रहे वो हर बार सांवरे
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे !!

बोल सांवरे बोल तुम्हे मैं,
कौन सा भजन सुनाऊँ !

ऐसा कोई राग बतादे,
तू नाचे मैं गाऊं !

नचाता रहूँ मैं, हर बार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे !!

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
तू लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे !
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
तू लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे !!

नाम है तेरा तारण हारा !

नाम है तेरा तारण हारा,
कब तेरा दर्शन होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा !!

तुमने तारे लाखों प्राणी,
ये संतो की वाणी है,
तेरी छवि पर वो मेरे भगवन,
ये दुनिया दीवानी है,
भाव से तेरी पूजा रचाऊं,
जीवन में मंगल होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा,
वो कितना सुंदर होगा !!

सुरवर मुनिवर जिनके चरणे,
निशदिन शीश झुकाते है,
जो गाते है प्रभु की महिमा,
वो सब कुछ पा जाते है,
अपने कष्ट मिटाने को तेरे,
चरणों का वंदन होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा,
वो कितना सुंदर होगा !!

मन की मुरादें लेकर स्वामी,
तेरे चरण में आए है,
हम है बालक तेरे चरण में,
तेरे ही गुण गाते है,
भव से पार उतरने को तेरे,
गीतो का संगम होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा,
वो कितना सुंदर होगा !!

नाम है तेरा तारण हारा,
कब तेरा दर्शन होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा,
वो कितना सुंदर होगा !!

आरती कुंजबिहारी की श्री गिरधर कृष्णमुरारी की !

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरधर कृष्णमुरारी की !!

गले में बेजंती माला,
बजावे मुरली मधुर बाला,
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नन्द के आनंद नंदलाला !!

गगन सम अंग काँती काली,
राधिका चमक रही आली
लतन में ठाढे बनमाली !!

भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चन्द्र सी झलक !!

ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरधर कृष्णमुरारी की !!

आरती कुंज बिहारी की,
श्री गिरधर कृष्णमुरारी की !!

कनकय मोर मुकुट बिलसे,
देवता दर्शन को तरसें,
गगन सों सुमन रास बरसे !!

बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिनी संग,

अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरधर कृष्णमुरारी की !!

आरती कुंज बिहारी की,
श्री गिरधर कृष्णमुरारी की !!

जहाँ ते प्रगट भई गंगा,
कलश कल हारिणी श्री गंगा,
स्मरन ते होत मोह भंगा !!

बसी शिव शीश,
जटा के बिच,
हरे अघ कीच,

चरण छवि श्री बनवारी की,
श्री गिरधर कृष्णमुरारी की !!

आरती कुंज बिहारी की,
श्री गिरघर कृष्णमुरारी !!

चमकती उज्वल तट रेनू,
बज रही वृन्दावन वेनु !
चहुँ दिशि गोपी ग्वाल धेनु,
हंसत म्रदू मंद !!

आरती कुंज बिहारी की,
श्री गिरधर कृष्णमुरारी की !!

ये चमक ये दमक फूलवन मा महक !

ये चमक ये दमक,
फूलवन मा महक,
सब कुछ सरकार तुम्हई से है,
इठला के पवन,
चूमे सैया के चरण,
बगियन मा बहार तुम्हई से है !!

मेरे सुख दुःख की रखते हो खबर,
मेरे सर पर साया तुम्हारा है,
मेरी नैया के खेवनहार तुम्ही,
मेरा बेड़ा पार तुम्हई से है,
सब कुछ सरकार तुम्हई से है !!

मैं तो भूल गयी कुछ भी कहना,
तोरी प्रीत में रोवत है नैना,
रग रग में बसी है प्रीत तोरी,
अखियन में खुमार तुम्हई से है,
सब कुछ सरकार तुम्हई से है !!

मेरा दिल ले लो मेरी जा ले लो,
मेरा तन ले लो मेरा मन ले लो,
मेरे इश्क को निस्बत है तुमसे,
जीवन श्रृंगार तुम्हई से है,
सब कुछ सरकार तुम्हई से है !!

मैं तो भूल गयी सब सुख चैना,
मोरे जबसे लडे तुम संग नैना,
मोरी नस नस में है प्रीत तोरी,
मेरा सब आधार तुम्हई से है,
सब कुछ सरकार तुम्हई से है !!

मेरा कोई नहीं है दुनिया में,
मेरा तौल करार तुम्हई से है,
मैं कहाँ जाकर सौदा बेचूं,
मेरा सब व्यापार तुम्हई से है,
सब कुछ सरकार तुम्हई से है !!

ये चमक ये दमक,
फूलवन मा महक,
सब कुछ सरकार तुम्हई से है,
इठला के पवन,
चूमे सैया के चरण,
बगियन मा बहार तुम्हई से है !!

अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं !

!! अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं !
राम नारायणं जानकी बल्लभम !!

!! कौन कहता हे भगवान आते नहीं !
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं !!

!! अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं !
राम नारायणं जानकी बल्लभम !!

!! कौन कहता है भगवान खाते नहीं !
बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं !!

!! अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं !
राम नारायणं जानकी बल्लभम !!

!! कौन कहता है भगवान सोते नहीं !
माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं !!

!! अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं !
राम नारायणं जानकी बल्लभम !!

!! कौन कहता है भगवान नाचते नहीं !
गोपियों की तरह तुम नचाते नहीं !!

!! अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं !
राम नारायणं जानकी बल्लभम !!

!! नाम जपते चलो काम करते चलो !
हर समय कृष्ण का ध्यान करते चलो !!

!! अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं !
!! राम नारायणं जानकी बल्लभम !!

!! याद आएगी उनको कभी ना कभी !
कृष्ण दर्शन तो देंगे कभी ना कभी !!

!! अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं !
राम नारायणं जानकी बल्लभम !!

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