मेरी विनती यही है राधा रानी !

Meri Vinti Yahi Hai Radha Rani Lyrics

Meri Vinti Yahi Hai Radha Rani Lyrics

मेरी विनती यही है राधा रानी,
हरि कृपा से भर दो झोली पुरानी।
मन में बसी रहे मुरली मनोहर,
भूलूँ न पल भर वो छवि रसवानी॥

मोरे नयनों में बाँके बिहारी,
कर दो रहो ऐसी प्यारी सवारी।
प्रीत की रीत जो तुमने सिखाई,
उससे ना हो अब कोई भी दूरी॥

तन-मन सब अर्पण तुम्हारे चरण में,
कर दो स्थान अब मोरे हृदय में।
चरणों की धूलि मिल जाये राधे,
बस यही चाहत है अब जीवन में॥

माखनचोर की लीला सुनाऊँ,
रास की छाया में मगन हो जाऊँ।
श्याम रंग में रंग दो ऐसी,
जैसे विरहिन मिल जाये प्यासी॥

हर साँस में नाम तुम्हारा बसा हो,
हर पल राधे-श्याम का नशा हो।
मधुबन में फिर वही रास रचाओ,
मेरे मन को वृन्दावन बना दो॥

हे राधा रानी, करुणा की सागर,
शरण में लो अब इस मन के भटके पथिक को।
तेरे ही नाम का दीप जलाऊँ,
हर जन्म में तेरा ही गुण गाऊँ॥

जय श्री राधे!

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