Radha ji ki aarti lyrics

आरती श्री वृषभानुसुता की,
मंजुल मूर्ति मोहन ममता की !!
त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि,
विमल विवेकविराग विकासिनि !
पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि,
सुन्दरतम छवि सुन्दरता की !!
!! आरती श्री वृषभानुसुता की..!!
मुनि मन मोहन मोहन मोहनि,
मधुर मनोहर मूरति सोहनि !
अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि,
प्रिय अति सदा सखी ललिता की !!
!! आरती श्री वृषभानुसुता की..!!
संतत सेव्य सत मुनि जनकी,
आकर अमित दिव्यगुन गनकी !
आकर्षिणी कृष्ण तन मनकी,
अति अमूल्य सम्पति समता की !!
!! आरती श्री वृषभानुसुता की..!!
! आरती श्री वृषभानुसुता की !
कृष्णात्मिका, कृष्ण सहचारिणि,
चिन्मयवृन्दा विपिन विहारिणि !
जगजननि जग दुखनिवारिणि,
आदि अनादिशक्ति विभुता की !!
!! आरती श्री वृषभानुसुता की..!!
आरती श्री वृषभानुसुता की,
मंजुल मूर्ति मोहन ममता की !!
- यशोमती मैया से बोले नंदलाला
- लेके पूजा की थाली !
- देना हो तो दीजिए, जनम जनम का साथ !
- बिगड़ी मेरी बना दे ऐ शेरोंवाली मैया !
- हरि सुंदर नंद मुकुंदा !
- तेरे दरबार मे मैया खुशी मिलती है !
- फूलों में सज रहे हैं श्री वृंदावन बिहारी !
- शेरावाली कब आओगी मेरे अंगना !
- मेरा आपकी कृपा से सब काम !
- लगन तुमसे लगाये बेठे हैं !



