चालीसा

श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा

॥ दोहा ॥!! नमो नमो विन्ध्येश्वरी,नमो नमो जगदम्ब ।सन्तजनों के काज में,करती नहीं विलम्ब ॥जय जय जय विन्ध्याचल रानी।आदिशक्ति जगविदित भवानी ॥ सिंहवाहिनी जै जगमाता ।जै जै जै त्रिभुवन सुखदाता ॥ कष्ट निवारण जै जगदेवी ।जै जै सन्त असुर सुर सेवी ॥ महिमा अमित अपार तुम्हारी ।शेष सहस मुख वर्णत हारी ॥ दीनन को दु:ख […]

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श्री शनिदेव चालीसा

॥ दोहा ॥जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥ जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥ ॥ चौपाई ॥जयति जयति शनिदेव दयाला।करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥ चारि भुजा, तनु श्याम विराजै।माथे रतन मुकुट छबि छाजै॥ परम विशाल मनोहर भाला।टेढ़ी दृष्टि

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श्री सूर्य देव चालीसा

॥ दोहा ॥कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अंग,पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के संग॥ ॥ चौपाई ॥जय सविता जय जयति दिवाकर,सहस्त्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर ॥1॥ भानु पतंग मरीची भास्कर,सविता हंस सुनूर विभाकर ॥2॥ विवस्वान आदित्य विकर्तन,मार्तण्ड हरिरूप विरोचन ॥3॥ अम्बरमणि खग रवि कहलाते,वेद हिरण्यगर्भ कह गाते ॥4॥ सहस्त्रांशु प्रद्योतन, कहिकहि,मुनिगन होत प्रसन्न मोदलहि ॥5॥ अरुण

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श्री हनुमान चालीसा

॥ दोहा ॥श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।बरनऊँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौ पवन-कुमार।बल बुद्धि बि्घा देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार॥ ॥ चौपाई ॥जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।जय कपीस तिहुं लोक उजागर॥ राम दूत अतुलित बल धामा।अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥ महाबीर बिक्रम बजरंगी।कुमति निवार सुमति के संगी॥ कंचन बरन

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श्री भैरव चालीसा

!! दोहा !! श्री गणपति गुरु गौरी पद प्रेम सहित धरि माथ।चालीसा वंदन करो श्री शिव भैरवनाथ॥श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल।श्याम वरण विकराल वपु लोचन लाल विशाल॥ जय जय श्री काली के लाला ।जयति जयति काशी-कुतवाला ॥ जयति बटुक-भैरव भय हारी ।जयति काल-भैरव बलकारी ॥ जयति नाथ-भैरव विख्याता ।जयति सर्व-भैरव सुखदाता ॥ भैरव

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श्री खाटू श्याम चालीसा

।। दोहा ।। श्री गुरु चरण ध्यान धर,सुमिरि सच्चिदानन्द।श्री श्याम चालीसा भजत हूँ,रच चैपाई छन्द।। ।। चौपाई ।। श्याम श्याम भज बारम्बारा,सहज ही हो भवसागर पारा ।। इन सम देव न दूजा कोई,दीन दयालु न दाता होई ।। भीमसुपुत्र अहिलवती जाया,कहीं भीम का पौत्र कहाया ।। यह सब कथा सही कल्पान्तर,तनिक न मानों इनमें अन्तर

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दुर्गा चालीसा

Durga chalisa lyrics hindi

नमो नमो दुर्गे सुख करनी।नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी।तिहूं लोक फैली उजियारी॥ शशि ललाट मुख महाविशाला।नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥ रूप मातु को अधिक सुहावे।दरश करत जन अति सुख पावे॥ तुम संसार शक्ति लै कीना।पालन हेतु अन्न धन दीना॥ अन्नपूर्णा हुई जग पाला।तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥ प्रलयकाल सब नाशन हारी।तुम गौरी

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